Saturday, September 3, 2011

aaj ka daur aur yuvtiyan

आज भारत देश का आर्थिक , सामाजिक,सास्कृतिक,राजनैतिक व  मानवीय पहलू एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहे हैं | वातावरण का बड़े स्तर पर प्रदूषण भी कम चुनौती नहीं है  |हम एक  चौतरफा संकट के दौर से गुजर रहे हैं | उदारीकरण और वैश्विकरण हमारे संकटों को दूर करने की "राम बाण" दवाई के   रूप में पेश किये गए  | मगर हम देख रहे हैं कि एक तरफ भरी आर्थिक संकट, बेरोजगारी , छंटनी ,महंगाई ,लूट खसौट है और दूसरी और अपराध , छेड़खानी , बलात्कार , अपहरण , खरीद फरोख्त व दहेज़ कि जबरदस्त मर पद रही है | ऐसी विकट परिस्थिति  में महिलाएं व विशेष रूप से युवा लड़कियां बहुत ही तनाव , घुटन व असुरक्षा के माहौल में जी रही हैं |

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